रिपोर्टर मोहम्मद कैफ खान
रामनगर। पूर्व सैनिकों और वीर नारियों की उपेक्षा अब बर्दाश्त से बाहर हो रही है! उनकी समस्याओं को लेकर रामनगर में जिला सैनिक कल्याण अधिकारी और पूर्व सैनिक कल्याण एवं उत्थान समिति के पदाधिकारियों की एक अहम बैठक हुई। बैठक में वीर नारियों और पूर्व सैनिकों ने अपनी समस्याओं को खुलकर रखा, जिनमें पेंशन से लेकर कैंटीन में हो रही दिक्कतें और सरकारी सुविधाओं का लाभ न मिल पाने जैसी गंभीर शिकायतें शामिल थीं। जिला सैनिक कल्याण अधिकारी हल्द्वानी से रामनगर पहुंचे, जहां उनका स्वागत कैप्टन हरगोविंद मासीवाल, अध्यक्ष कुलवंत सिंह, ब्लॉक प्रतिनिधि चंद्र मोहन मनराल और सचिव भुवन सिंह डंगवाल ने किया।
बैठक के दौरान पूर्व सैनिकों और वीर नारियों ने खुलकर अपनी समस्याएं रखीं। सचिव भुवन सिंह डंगवाल ने सभी से फीडबैक लिया और समस्याओं को अध्यक्ष कुलवंत सिंह ने सैनिक कल्याण अधिकारी के सामने रखा। अधिकारी ने आश्वासन दिया कि हर समस्या पर गंभीरता से कार्रवाई होगी। बैठक में पूर्व सैनिकों ने नई पेंशन नीति को लेकर तीखे सवाल दागे। अधिकारी ने पेंशन टेबल प्रस्तुत कर कुछ शंकाओं का समाधान किया, लेकिन हव भुवन प्रकाश ने पेंशन वितरण में हो रही गड़बड़ियों को उजागर कर दिया। इसके अलावा, स्पर्श योजना और मिलन केंद्र की दिक्कतों को भी समिति ने सामने रखा, जिस पर सैनिक कल्याण अधिकारी ने जल्द समाधान का वादा किया। बैठक में कैंटीन में हो रही दिक्कतों पर भी पूर्व सैनिकों ने रोष व्यक्त किया। उनका कहना था कि वहां न तो सम्मान मिलता है और न ही पूरी सुविधाएं दी जा रही हैं। इस मुद्दे पर भी अधिकारी ने जांच और समाधान का भरोसा दिलाया। सैनिक कल्याण अधिकारी ने बैठक में बताया कि पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों के लिए छात्रवृत्ति, अनुदान और शादी में सहायता राशि जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं, लेकिन कई लोग जानकारी के अभाव में इसका लाभ नहीं उठा पा रहे। उन्होंने सभी को डीएसपी खातों में पेंशन ट्रांसफर करवाने की सलाह दी और पेंशन दस्तावेजों में होने वाली कमियों को दूर करने के लिए आवश्यक निर्देश दिए। बैठक में मौजूद वीर नारियों और पूर्व सैनिकों ने दो टूक कह दिया कि अब उन्हें सिर्फ आश्वासन नहीं, बल्कि ठोस कार्रवाई चाहिए। बैठक में उपाध्यक्ष बालम सिंह डंगवाल, पूर्व उपाध्यक्ष दामोदर जोशी, भगवत सिंह चौहान, ऑडिटर पूरन सिंह बिष्ट, मीडिया प्रभारी चंदन सिंह अधिकारी, बालम सिंह बिष्ट, मोहन सिंह और कई वीर नारियां मौजूद रहीं। अब देखना होगा कि सैनिक कल्याण विभाग अपनी जिम्मेदारी निभाता है या फिर पूर्व सैनिकों और वीर नारियों को अपने हक के लिए और लंबी लड़ाई लड़नी पड़ेगी!