रिपोर्टर मोहम्मद कैफ खान
रामनगर। जंगल का राजा शेर होता है, लेकिन रामनगर के भगुवाबंगर गांव में गुलदार और इंसान की ऐसी भिड़ंत हुई कि सब हैरान रह गए! 56 साल के बहादुर राम पर एक खूंखार गुलदार ने हमला कर दिया, लेकिन बहादुर राम भी किसी से कम नहीं निकले। गुलदार ने जैसे ही उन पर झपट्टा मारा, बहादुर ने हिम्मत दिखाते हुए उसे दो करारे घूंसे जड़ दिए! बस फिर क्या था, खुद को घिरता देख गुलदार की भी हवा टाइट हो गई और वो दुम दबाकर भाग निकला। गुलदार के नुकीले दांत और पंजों ने बहादुर राम के शरीर को छलनी कर दिया, खून से लथपथ हालत में उन्हें अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टरों के मुताबिक, उनके सिर, पीठ और हाथ पर गहरे घाव आए हैं, लेकिन बहादुर राम की हालत अब स्थिर है। डॉक्टर भी उनकी हिम्मत पर हैरान हैं, कह रहे हैं – “ऐसा जिगरा बहुत कम लोगों में होता है!” घटना के बाद गांव में हड़कंप मच गया है। लोगों का कहना है कि गुलदार आए दिन गांव में घूमते रहते हैं, लेकिन वन विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठा है। सूत्रों का कहना है कि इलाके में पहले भी गुलदार को देखा गया था, लेकिन अधिकारियों ने इसे नजरअंदाज कर दिया। अब जब हमला हुआ, तो आनन-फानन में गश्त बढ़ा दी गई है और गुलदार को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाने की बात कही जा रही है। गांववालों का कहना है कि अगर बहादुर राम हिम्मत न दिखाते, तो शायद उनकी जान भी जा सकती थी। ग्रामीणों ने वन विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए चेतावनी दी है कि “अगर जल्द ही गुलदार को नहीं पकड़ा गया, तो हम खुद कुछ करेंगे!” अब देखना ये है कि वन विभाग इस बार सच में कुछ करेगा या फिर बहादुर राम की ये बहादुरी सिर्फ कहानियों में ही सिमटकर रह जाएगी!