Thursday, October 3, 2024
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Homeउत्तराखंडक्या पाँच हजार परिवारों के सरो से छीन जायेगी छत,मचा हड़कंप

क्या पाँच हजार परिवारों के सरो से छीन जायेगी छत,मचा हड़कंप

भले ही सरकारों के द्वारा राजनैतिक मंचों से बेघर लोगो को आशियाने देने का दावा क्यों ना किया जाता हो लेकिन सूबे के मुखिया पुष्कर सिंह धामी के गृह जनपद उधम सिंह नगर में लगभग 5 हजार लोगो के सरो से छत छीनने का डर उन्हे सताने लगा है। किच्छा तहसील क्षेत्र स्थित नगला वासियों को अब अपने उजड़ने का डर इस कदर है की वह आर पार की जंग के लिए सड़को पर उतर आए हैं।

दरअसल प्रशासन ने यहां 750 से ज्यादा परिवारों को अतिक्रमण मुक्त करने का नोटिस थमा दिया है। जिसको लेकर अब नगला वासी अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं। सैकड़ों की संख्या में महिलाओं और लोगो के साथ ही नन्हे मुन्ने बच्चों ने प्रदर्शन कर सरकार से उनके आशियाने को न तोड़ने की अपील की मांग की है।

आपको बता दें कि नगला वासियों को अपने आशियाने उजड़ने का डर सता रहा है। इससे पहले वन विभाग, पीडब्ल्यूडी और पंतनगर विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने 750 परिवारों को नोटिस थमाया गया है। साथ ही उन्हें अपने-अपने घर को खाली करने को कहा है। ऐसा न करने पर घरों को तोड़ने की चेतावनी दे डाली हैं। आशियाने उजाड़े जाने को लेकर अब नगला वासियों ने आर पार की लड़ाई का मन बना लिया है. आज से क्षेत्र के लोगों ने नगला चौराहे पर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है. धरने के पहले दिन सैकड़ों की संख्या में महिलाओं ने धरना दिया और नारेबाजी की। वहीं सबसे बड़ी बात तो यह हैं की देश की सीमाओं पर हमारी रक्षा करने वालों सैकड़ो परिवार भी इस जद में आ चुके हैं जिन्हे आज अपना आशियाना बचाने के लिए रोड पर उतरना पड़ रहा है।

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वो नगला क्षेत्र में पिछले 70 सालों से रहते आ रहे हैं। ऐसे में एकतरफा कार्रवाई कर प्रशासन उन्हें उजाड़ने की योजना बना रहा है। उन्होंने कहा कि इससे पहले मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया था कि उनके आशियाने को उजड़ने नहीं दिया जाएगा, लेकिन अब जिला प्रशासन और विभागों ने उन्हें नोटिस थमाते हुए जगह को खाली करने को कहा है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि उनके आशियाने को न तोड़ा जाए। अगर उनकी मांगें नहीं मानी जाती तो उनका आंदोलन बदस्तूर जारी रहेगा और चाहें इसके लिए उन्हें अपनी जान क्यों ना देनी पड़े।

 

Rafi Khan
Rafi Khan
Editor-in-chief
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