Saturday, December 14, 2024
spot_img
Homeउत्तराखंडनशे में चूर टूटन- जिम्मेदार कौन?

नशे में चूर टूटन- जिम्मेदार कौन?

रफ़ी खान/ संपादक K आवाज़

काशीपुर क्षेत्र में लगातार बड़ रहे अवैध नशे के चलते जिस तरह आज घर के घर तबाह हो रहे हैं और समाज सिर्फ तमाशाई बना बैठा देख रहा है, स्मैक और नशीले इंजेक्शनों के इस्तेमाल से लगातार हो रही मौतों पर न प्रशासन ही कोई ब्रेक लगा पा रहा है और न ही समाज कोई सबक ले पा रहा है,छोटे छोटे मासूम बच्चों के सरो से बाप और भाई का सहारा छीन जाने और घरों के ऊपर से छत का साया खत्म हो जाने पर आज ग़मो से चूर मासूमों की चीखे शायद किसी को सुनाई नहीं देती। आज के हालात को देख कर ऐसा लगता है जैसे अशअर नजमी का यह शेर मानो आज के मासूमों के लिए लिखा गया हो…सौंपोगे अपने बाद विरासत में क्या मुझे
बच्चे का ये सवाल है इस गूँगे समाज से।
शहर के गली मोहल्लों में बीडी,माचिस की तरह बिकने वाले नशीले पदार्थों ने नौजवानों के जिस्मों को आज ऐसे तोड़ डाला है जैसे कोई वर्षों का अपाहिज अपनी खटिया से खड़ा हुआ हो,अवैध नशा करने वालों का हाल ये है के न इनसे चला जाए और न खड़ा हुआ जाए जिसकी बदौलत चलन में एक नया नाम आया टूटन, जी हां नशाखोरों की जुबान में टूटन उसे कहते हैं जो नशे की लत के चलते टूट चुका हो।

हमने इससे पहले भी ड्रग्स माफियाओं को लेकर और प्रशासन को जगाने को लेकर कई लेख लिखे जिसका समय समय पर असर तो हुआ लेकिन आज टूटन की तादाद में इजाफा जिस तेजी से बड़ रहा है उसको देखते हुए यह लेख समाज को जागरूकता लाने की गरज से है।

अपनों को दर्द में डुबाती इस टूटन का सरेआम ये हाल देख कर अफसोस तो सबको होता है लेकिन समाज के दिमाग में एकमात्र सोच ये बैठी हुई है कि टूटन को (नशाखोरों) ड्रग्स तस्करों,नशा माफियाओं को देखना सिर्फ प्रशासन का काम है। यहां सवाल ये खड़ा होता है कि सारा काम प्रशासन ही करे तो आप क्या करोगे,जी हां आज शहर काशीपुर क्या पूरा जनपद नशे की चपेट में है और हम तमाशाई बने सिर्फ प्रशासन के ऊपर ही निर्भर है यह सोचकर की नशा रोकना इसपर प्रतिबंध करना प्रशासन का काम है। कही कोई झुंड स्मैक या चरस पीता नजर आए तो हम देख कर गुजर जाते है,कोई गली मोहल्लों में एक नशेड़ी दूसरे नशेड़ी को नशे की पुड़िया बेचता दिखाई देता है तो हम मुंह फेरकर निकल जाते है,किसी का रिश्तेदार नशाखोर बन जाए तो हम बाते बनाते है और उसके परिजनों पर हंसते हैं,कोई नशा माफिया आपके इर्द गिर्द धड़ल्ले से नशीले पदार्थों की बिक्री करता है तो हम अपने मुंह पर ताला जड़ लेते हैं क्यों क्योंकि समाज के दिमाग में फिट है यह देखना प्रशासन का है यह काम प्रशासन करेगा। गौरतलब रहे जिस समाज को अपनी परवाह नहीं होती उसे बुराई दीमक की तरह चाट जाती है। इसलिए यदि नौजवानों को नशे की लत के चलते मौत की दहलीज से बचाना है और एक समर्थ,स्वस्थ और सुंदर समाज बनाना है तो आपको भी बुराई खत्म करने के लिए प्रशासन के हाथों को मजबूत करने को खड़ा होना ही होगा। वरना सिर्फ देखते रहने से यही होगा के आज तेरी बारी तो कल मेरी…. बाकी अगले लेख में विस्तार से।

Rafi Khan
Rafi Khan
Editor-in-chief
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here


- Advertisment -spot_img

Most Popular

Recent Comments