Monday, October 14, 2024
spot_img
Homeउत्तराखंडहाथ के पंजे से ज्यादा मजबूत है मोदी का पंजा?

हाथ के पंजे से ज्यादा मजबूत है मोदी का पंजा?

रफी ख़ान ,काशीपुर।

प्रदेश में निकाय चुनावी संग्राम शुरू होने में कुछ ही माह का समय बाक़ी है ऐसे में जहां सत्ताधारी भाजपा ने अपनी कमर कसते हुए तैयारी शुरू कर दी है तो वहीं प्रदेश कांग्रेस के नेता एक दूसरे की टांग खींचने में कोई कोर कसर बाकी छोड़ते नजर नहीं आ रहे हैं। अगर बात की जाय काशीपुर की तो कभी कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाला यह क्षेत्र लंबे समय से बीजेपी के कब्जे में चला आ रहा है लेकिन क्यों? इसका जवाब स्वम कांग्रेस को भी ढूंढने से नही मिल पा रहा। कई दसको से आईसीयू में वक्त गुज़ार रही काशीपुर कांग्रेस को हाई कमान संजीवनी बूटी सुघाने के लिए लगातार प्रयासरत है लेकिन लगता है उसे क्षेत्र में एक भी ऐसा खेवनहार नजर नहीं आ रहा जो पार्टी की नैया को डूबते हिचगोले से बचा सके।

दरसअल 2014 के बाद तेजी से शुरू हुए मोदी युग ने काशीपुर ही नहीं पूरे देश में कांग्रेस की तस्वीर बदल डाली है,जिसके नतीजे में 2014 के बाद से आज तक कांग्रेस का कुनबा तेजी से कम ही नहीं हुआ बल्कि कई कांग्रेस को चलाने वाले दिग्गज भी ये मानकर के हाथ के पंजे से ज्यादा मजबूत है प्रधानमंत्री मोदी का पंजा बीजेपी में शामिल हो चुके है।

काशीपुर में जहां नगर निगम के मेयर पद पर हाथ आजमाने को बीजेपी के कई बड़े दिग्गज कतार में बने हुए है तो वहीं कांग्रेस को चराग लेकर ढूंडने के बाद एक खेवनहार भी ऐसा नहीं मिल पा रहा जो पार्टी की नैया पार लगा सके। आखिर क्यों इसका जवाब स्थानीय कांग्रेस भले ही हाई कमान को न दे पा रही हो लेकिन जानकारों का मानना है कि मोदी युग ने काशीपुर में कांग्रेस की पतलून में खाकी नैकर को शामिल कर दिया है झंडा हाथ में भले कांग्रेस का हो लेकिन आस्था प्रधानमंत्री मोदी से जुड़ी है अब इसमें कितनी सच्चाई है इसका दावा तो हम नहीं करते लेकिन काशीपुर के हर बड़े चुनाव में कांग्रेस का चारों खाने चित्त होना यही दर्शाता है।

Rafi Khan
Rafi Khan
Editor-in-chief
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here


- Advertisment -spot_img

Most Popular

Recent Comments