कहा अब सिर्फ दीन नहीं, दुनियावी तालीम भी जरूरी
एमडीएस पब्लिक स्कूल के प्रांगण में आयोजित कुमाऊं स्तरीय सम्मेलन में उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के चेयरमैन मुफ्ती शमऊन कासमी ने शिरकत की। मंच पर मौजूद मुफ्ती हजरात और उलेमा-ए-किराम ने जहां सरकार के फैसलों पर रोशनी डाली, वहीं बंद पड़े मदरसों की जल्द बहाली की पुरजोर मांग भी रखी।
रिपोर्टर मोहम्मद कैफ खान
इस मौके पर बोर्ड चेयरमैन का स्वागत फूलमालाओं और शॉल उड़ाकर गर्मजोशी से किया गया। सम्मेलन में दूरदराज से पहुंचे उलेमाओं, मदरसा संचालकों और मुस्लिम समाज के प्रबुद्धजनों की अच्छी खासी मौजूदगी रही।
पत्रकारों से बातचीत में मुफ्ती कासमी ने दो टूक कहा – “जिन मदरसों पर ताले लगे हैं, उनकी बहाली को लेकर हम लगातार राज्य सरकार से संवाद कर रहे हैं। उम्मीद है कि जल्दी ही उन मदरसों में फिर से तालीम का सिलसिला शुरू होगा।
उन्होंने कहा – अब वक्त है बदलाव का, वक्त है इदारों में सिर्फ मज़हबी नहीं, बल्कि दुनियावी इल्म को भी तरजीह देने का। सरकार का साफ संदेश है कि मदरसों में कुरआन शरीफ की तालीम के साथ-साथ गणित, विज्ञान, अंग्रेज़ी जैसी विषयों की पढ़ाई भी होनी चाहिए।
मुफ्ती कासमी ने यह भी जोड़ा कि सरकार की ओर से पहले ही उन मदरसों को नोटिस दिए गए थे जो नवीनीकरण नहीं करा रहे थे या केवल एकतरफा तालीम दे रहे थे। मगर कई जगह इस चेतावनी को गंभीरता से नहीं लिया गया। “हम सभी संचालकों से अपील करते हैं कि मदरसों को मज़बूती से आगे बढ़ाना है तो दोनों तालीमों को बराबर जगह देनी होगी।”
कार्यक्रम में बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष इंतज़ार हुसैन, वरिष्ठ नेता यूनुस चौधरी, स्कूल के संस्थापक मौलाना हाशमी, रामनगर के पेश इमाम मौलाना गुलाम मुस्तफा नईमी सहित कई प्रमुख धर्मगुरु और सामाजिक हस्तियां मौजूद रहीं।
मौलाना गुलाम मुस्तफा ने अपने संबोधन में कहा – “मुल्क की तरक्की में मुसलमानों का किरदार हमेशा ऐतिहासिक रहा है।
सम्मेलन में मौलाना ज़ाहिद रज़ा, मौलाना इरफानूल हक, मुफ्ती शमीम, मौलाना निज़ाम अख्तर, मुफ्ती इंसाफ, डॉक्टर यूनुस चौधरी, मौलाना इंतज़ार और माइनॉरिटी मोर्चा के अन्य पदाधिकारी भी मौजूद रहे।