कहते हैं, खेतों की मिट्टी जब बोलती है तो उसमें किसानों का पसीना, उम्मीद और भविष्य सब झलकता है। शुक्रवार को कालाढूंगी तहसील के ग्राम हिम्मतपुर बैलपड़ाव में कुछ ऐसा ही नज़ारा देखने को मिला, जब अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) शैलेंद्र सिंह नेगी खुद धान की फसल की क्रॉप कटिंग करने पहुंचे। खेत में एडीएम के हाथों में हसिया और आंखों में किसानों के भविष्य की तस्वीर थी — क्योंकि यही आंकड़े तय करेंगे कि किसानों की मेहनत को कितनी सरकारी पहचान और राहत मिलेगी।
रिपोर्टर मोहम्मद कैफ खान
एडीएम नेगी ने मौके पर बताया कि क्रॉप कटिंग प्रक्रिया से फसल उत्पादन के सटीक आंकड़े जुटाए जाते हैं जो न सिर्फ किसानों की आय का आधार बनते हैं बल्कि सरकार की कृषि नीति, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) भंडारण व्यवस्था और आयात–निर्यात जैसे फैसलों की रीढ़ होते हैं। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदा से फसलों को नुकसान होने पर राहत राशि तय करने में भी इन्हीं आंकड़ों की अहम भूमिका होती है।
इस मौके पर एसडीएम कालाढूंगी बिपिन चंद्र पंत, तहसीलदार मनीषा मारकाना, अपर सांख्यिकी अधिकारी मीना नेगी, राजस्व उपनिरीक्षक तारा चंद्र घिल्डियाल, रजिस्ट्रार कानूनगो मनोज कुमार जोशी, किसान पंकज नेगी, इंद्र सिंह नेगी समेत कई अधिकारी और स्थानीय किसान मौजूद रहे।
खेतों में जब प्रशासन की मौजूदगी होती है तो किसान का भरोसा भी कुछ और गहराई से अंकुरित होता है और कालाढूंगी के खेतों में शुक्रवार को यही भरोसा सुनहरी बालियों की तरह लहलहा रहा था।


 
                                    