शाहनवाज नकवी / यूपी ब्यौरा
मुरादाबाद। मझोला क्षेत्र में करुला ऊंचा टीला स्थित मस्जिद के पास बच्चों का अस्पताल अपंजीकृत रुप से वर्षों से चल रहा था। होम्योपैथिक डिग्रीधारी डॉ. परवेज पर आरोप है कि वह अपने अस्पताल में बच्चों समेत सैकड़ों मरीजों का इलाज ऐलोपैथिक दवाओं और इंजेक्शन से करता था। अब एक बच्ची की आंखें खराब होने के बाद सीएम पोर्टल पर की गई शिकायत पर स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया और अस्पताल को सील कर दिया गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, आठ वर्षीय अलीजा को डॉ. परवेज ने टीबी का मरीज़ बताकर गलत इलाज शुरू कर दिया, जबकि अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में टीबी की पुष्टि नहीं हुई थी। दिए गए इंजेक्शन और दवाओं के गलत असर से अलीजा की आंखों की रोशनी प्रभावित हो गई।
सीएम पोर्टल की शिकायत पर खुला झोलाछाप का खेल
अब्वास प्राइमरी स्कूल, काजीटोला के मोहम्मद शादाब द्वारा मुख्यमंत्री पोर्टल पर की गई शिकायत के बाद स्वास्थ्य विभाग ने जांच शुरू की। नोडल अधिकारी डॉ. संजीव बेलवाल ने मौके पर पहुंचकर अस्पताल को सील कर दिया और मझोला थाने में झोलाछाप डॉ. परवेज के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया।
11 बैंडों का अपंजीकृत अस्पताल, वर्षों से चल रहा था अवैध धंधा
स्थानीय लोगों के अनुसार, यह अस्पताल इलाके में पिछले कई वर्षों से सक्रिय था। 11 बैंडों में विभाजित यह अस्पताल झोलाछाप इलाज का अड्डा बन चुका था, जहां आसपास के गांवों व कॉलोनियों से बड़ी संख्या में मरीज पहुंचते थे। लोग डॉ. परवेज को डिग्रीधारी विशेषज्ञ समझते थे, जबकि उसके पास केवल होम्योपैथिक डिग्री है और अस्पताल का कोई वैध पंजीकरण नहीं है।
इस बार सीएमओ ने दिखाई सख्ती
स्वास्थ्य विभाग पूर्व में तीन बार इस अस्पताल को सील कर चुका था, लेकिन हर बार कुछ समय बाद यह दोबारा खुल जाता था। इस बार सीएमओ डॉ. कुलदीप चौधरी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए स्पष्ट निर्देश दिए कि इस झोलाछाप पर कठोर कानूनी कार्यवाही की जाए।