रिपोर्टर मोहम्मद कैफ खान
रामनगर: पाटकोट रोड की महिलाओं का हौसला ना टूट रहा है, ना झुक रहा है! पूरे 52 दिन बीत चुके हैं, लेकिन शराब की दुकान को लेकर उनका विरोध अब भी उसी जोश में बरकरार है। विरोध के बीच उत्तराखंड आबकारी आयुक्त की ओर से ये भरोसा दिया गया कि जहां जनता विरोध कर रही है, वहां की शराब दुकानों को बंद किया जाएगा और उनके लाइसेंस भी निरस्त होंगे। लेकिन आठ दिन हो गए, महिलाओं को आज तक वो कागज़ नहीं दिखा जिसमें उनकी जीत दर्ज हो। धरने पर बैठीं महिलाओं का कहना है कि लिखित आदेश की प्रति जब तक सामने नहीं आती, और जब तक पाटकोट रोड की शराब की दुकान का नाम निरस्तीकरण की सूची में नहीं आता – उनका आंदोलन ऐसे ही चलता रहेगा। दर्जनों महिलाएं हर दिन अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही हैं, और हर रोज़ प्रशासन से बस एक ही सवाल पूछ रही हैं – “कब बंद होगी ये शराब की दुकान?” महिलाओं ने यह भी कहा कि सिर्फ़ आश्वासन नहीं, अब उन्हें लिखित आदेश चाहिए। धरने का हर दिन अब एक प्रतीक बन चुका है – महिला शक्ति की आवाज़ का, जो ना बिकती है, ना थकती है। अब देखना यह है कि प्रशासन कब तक इस आंदोलन को नज़रअंदाज़ करता रहेगा और कब वो सूची सामने आएगी जिसका सबको इंतजार है।