रामनगर। जहाँ एक ओर कॉर्बेट की वादियाँ सुकून और शांति का पैगाम देती थीं, वहीं अब इसी शहर की गलियाँ डर और दहशत की कहानी बयां कर रही हैं। कभी पर्यटकों का चहेता और सुरक्षित माना जाने वाला रामनगर अब लगातार हो रहे अपराधों की वजह से सुर्खियों में है।
रिपोर्टर मोहम्मद कैफ खान
आखिर क्यों? कौन हैं वो चेहरे जो रामनगर की फिजा को स्याह बना रहे हैं?
सूत्रों की मानें तो शहर में छोटे-बड़े कई गैंग सक्रिय हो चुके हैं, जो चोरी, नशे के सौदे, मारपीट, और अब मर्डर तक को अंजाम देने से नहीं चूक रहे। इतना ही नहीं, इन गिरोहों में बड़ी संख्या में नाबालिग बच्चों को जोड़ा जा रहा है ताकि कानून के शिकंजे से आसानी से बचा जा सके।
हाल ही में दिन-दहाड़े एक युवक को गोली मारने की सनसनीखेज घटना ने शहर को हिला दिया। और उसके कुछ ही दिन बाद चिलकिया क्षेत्र से एक सड़ी-गली लाश का मिलना और फिर एक और हत्या की खबर अब रामनगर में ये सब ‘नॉर्मल’ सा हो चला है।
शहर के जानकार मानते हैं कि कहीं न कहीं इसकी जड़ें पारिवारिक और सामाजिक विफलता में भी छिपी हैं। कई अभिभावक अपने बच्चों को सही दिशा और शिक्षित माहौल नहीं दे पा रहे, जिसका फायदा असामाजिक तत्व उठा रहे हैं।
अब वक्त आ गया है कि प्रशासन, समाज और हर ज़िम्मेदार नागरिक को मिलकर सवाल उठाना होगा
क्या रामनगर को एक और ‘अपराध नगरी’ बनने से रोका जा सकता है?
या फिर हम सिर्फ अपराधों की गिनती करते रहेंगे?
अगर वक्त रहते सख्त कदम नहीं उठाए गए तो ये शांत पहाड़ी शहर एक दिन अपराध की राजधानी में तब्दील हो सकता है।
नोट: यह रिपोर्ट पूरी तरह से स्थानीय सूत्रों, घटनाओं और सामाजिक हालातों पर आधारित है। किसी विशेष व्यक्ति या संस्था पर सीधा आरोप नहीं है।