रफ़ी खान/ काशीपुर।
आज क्षेत्रीय विधायक त्रिलोक सिंह चीमा ने रामनगर रोड स्थित अपने कॉरपोरेट ऑफिस में पत्रकारों से वार्ता आयोजित करी जहां उन्होंने प्रदेश के मुखिया युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का काशीपुर के लिए 10 करोड़ की लागत से बनने वाली 13 सड़कों को स्वीकृत करने और धन अवमुक्त करने एवम् की जानकारी साझा करते हुए सीएम धामी का आभार व्यक्त किया तो वही इस दौरान उन्होंने काशीपुर राजकीय चिकित्सालय के लिए 65 करोड रुपए की लागत से 200 बेड का मल्टी स्पेशलिस्ट अस्पताल स्वीकृत कर जनता को सीएम द्वारा तोहफा देने की बात कहते हुए बताया कि प्रदेश के ऊर्जावान मुख्यमंत्री श्री धामी विकास परख सोच को सामने रखते हुए काशीपुर का विकास करा रहे हैं।

वही इस दौरान विधायक त्रिलोक सिंह चीमा ने किसी जनप्रतिनिधि का नाम लिए बिन कहा कि विकास कोई भी एक आदमी नहीं कराता… बीजेपी विधायक यह कहना चाह रहे थे काशीपुर के विकास में एक आदमी को श्रेय नहीं देना चाहिए,विकास कोई एक आदमी नहीं करता विकास में सबकी भागेदारी होती है। लेकिन यहां बड़ा सवाल ये है आखिर कौन काशीपुर के विकास के नाम पर अकेला श्रेय बटोर रहा है? अगर यह बीजेपी विधायक का दर्द है तो वह दर्द आज विधायक त्रिलोक सिंह चीमा ने किसके लिए निकाला।
राजनीतिज्ञ गलियारे में इस दर्द की चर्चा जोर पकड़ रही है तो वही कांग्रेस के पीसीसी सदस्य रहे जितेन्द्र सरस्वती ने चुटकी ली है विधायक कार्यालय और नगर निगम महापौर कार्यालय के बीच जो खिचड़ी पकनी चाहिए थी वो पकी नहीं उसी की सुलगती आग का धुआं है यह।
वही इसपर पूर्व मेयर प्रत्याशी संदीप सहगल ने विधायक चीमा की बात पर मोहर लगाते हुए कहा कि चीमा जी सही कहां काशीपुर के विकास में सिर्फ एक आदमी का ही योगदान नहीं होता उसमें प्रदेश सरकार,विधायक और महापौर के योगदान सहित विपक्ष का अहम किरदार होता है क्योंकि विपक्ष जनता की जरूरतों को सामने रखने का काम करती है। वही जब कांग्रेस नेता संदीप सहगल से यह पूछा गया कि पूर्व विधायक हरभजन सिंह चीमा और पूर्व निगम महापौर उषा चौधरी अक्सर मंच पर एकसाथ रहते हुए काशीपुर के विकास को एकसाथ आगे ले जाते थे ऐसा अब कम ही नजर आता है आखिर क्यों? इसपर उन्होंने कहां इसका जवाब आपको बीजेपी नेता ही दे सकते हैं मैं नहीं। माना जा रहा है कही न कही राजनीतिक वर्चस्व की आग सुलग रही है इसको बुझना चाहिए क्योंकि यह काशीपुर के हित में कतई नहीं।