रिपोर्टर मोहम्मद कैफ खान
रामनगर,17 मई। वित्त वर्ष 2025-26 के आयकर रिटर्न अब तक पोर्टल पर उपलब्ध न कराए जाने को लेकर रामनगर टैक्स बार एसोसिएशन ने गहरा असंतोष जताया है। टैक्स अधिवक्ताओं ने आयकर कार्यालय रामनगर 2(5) के माध्यम से वित्त मंत्रालय को ज्ञापन भेजते हुए इस देरी को करदाताओं के अधिकारों के साथ गंभीर खिलवाड़ बताया है। एसोसिएशन का कहना है कि हर वर्ष 1 अप्रैल से ही नया रिटर्न उपलब्ध हो जाना चाहिए, लेकिन इस वर्ष लगभग डेढ़ माह बीतने के बाद भी रिटर्न फॉर्म जारी नहीं किया गया है। परिणामस्वरूप अनेक करदाताओं के बैंकिंग, वीजा व वित्तीय कार्य बाधित हो रहे हैं। अधिवक्ताओं ने आरोप लगाया कि सरकार अप्रैल से जुलाई तक चार महीने रिटर्न दाखिल करने की सुविधा देती है, परंतु इस देरी से करदाताओं को वास्तव में केवल दो माह ही मिलेंगे, जो अन्यायपूर्ण है। मांग की गई कि रिटर्न फॉर्म में हुई देरी के अनुपात में अंतिम तिथि 31 जुलाई को बढ़ाकर 30 सितंबर की जाए। साथ ही यह भी आग्रह किया गया कि रिटर्न फॉर्म समय पर जारी न करने वाले अधिकारियों पर जिम्मेदारी तय कर कार्रवाई की जाए। एसोसिएशन ने यह भी कहा कि इस प्रकार की देरी, करदाताओं से ‘लेट फीस’ के नाम पर अघोषित वसूली के समान है। उक्त ज्ञापन सौंपने के साथ ही टैक्स बार की वार्षिक बैठक एक निजी रिसोर्ट में सम्पन्न हुई, जिसमें संगठन के संविधान में महत्वपूर्ण संशोधन को भी पारित किया गया। अब कार्यकारिणी सदस्यों के लिए 75% उपस्थिति अनिवार्य कर दी गई है। बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि जो सदस्य कार्यकाल के दौरान बैठक में न्यूनतम उपस्थिति पूरी नहीं कर पाएंगे, वे आगामी चुनाव में प्रत्याशी बनने के पात्र नहीं होंगे। बैठक की अध्यक्षता अध्यक्ष पूरन चंद्र पांडे ने की जबकि संचालन उपसचिव मनु अग्रवाल ने किया। इस अवसर पर वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रबल बंसल, कनिष्ठ उपाध्यक्ष मोहम्मद फिरोज, प्रेस प्रवक्ता गुलरेज रज़ा, कोषाध्यक्ष विशाल रस्तोगी, सागर भट्ट, फैज़ुल हक, संजीव अग्रवाल, मनोज अग्रवाल, राकेश राही, भोपाल रावत, रोहित माहेश्वरी, जीशान मलिक, मनोज बिष्ट, लईक अहमद और आयुष अग्रवाल सहित कई अधिवक्ता उपस्थित रहे।