रिपोर्टर मोहम्मद कैफ खान
रामनगर। जंगल में फिर गूंजेगी गजराजों की आवाज और इस बार वजह होगी उनकी गिनती! जी हां, कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में जून महीने से हाथियों की गणना शुरू होने जा रही है, जिसकी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। वन विभाग की टीमें जंगल की हर बीट में नजरें गड़ाए बैठी हैं, क्योंकि इस बार आंकड़े पहले से ज्यादा आने की उम्मीद है।
पार्क के वार्डन अमित ग्वासीकोटी के मुताबिक, पिछली बार साल 2020 की गणना में 1226 हाथी दर्ज किए गए थे, जबकि 2015 में यह संख्या 850 थी। आंकड़ों में इस इजाफे ने पार्क की जैव विविधता को लेकर अच्छी तस्वीर पेश की थी। अब एक बार फिर जब जंगल की खामोशी को वनकर्मियों के कदमों की आहट तोड़ेगी, तो हर पेड़ के पीछे, हर झाड़ी के पास नजरें होंगी नर, मादा और बच्चों की टोह में।
गणना में कॉर्बेट की 62 बीटों पर पांच-पांच वनकर्मियों की टीमें तीन दिन तक मुस्तैदी से जुटेंगी। सूरज निकलने से पहले और शाम ढलने तक चलने वाले इस ऑपरेशन में हर हाथी का कद, उम्र और व्यवहार तक रिकॉर्ड होगा। पार्क प्रशासन का मानना है कि इस बार के आंकड़े पुराने सभी रिकॉर्ड तोड़ सकते हैं।
अब देखना यह है कि कॉर्बेट की धरती पर हाथियों की दहाड़ कितनी गूंजती है और जंगल की ये शान इस बार कितनी संख्या में नजर आती है। आंकड़े आएंगे, लेकिन इससे पहले रोमांच और जंगल की खुशबू एक बार फिर हर प्रकृति प्रेमी को अपनी ओर खींचने को तैयार है।
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