अपनी कथनी और करनी को सच के पल्ले में रख कर काशीपुर नगर के लिए शुरू से ही बेहतर प्रयासरत में काशीपुर के महापौर दीपक बाली ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि उनके लिए जनता और जनता की जरुरते ही सर्वोपरि है। काशीपुर में लंबे समय से चली रही दाखिल खारिज और रजिस्ट्रियों से जुड़ी बड़ी समस्याओं के साथ साथ रिहाईशी कालोनियों को लेकर जो असमंजस बना हुआ था उसको मेयर दीपक बाली द्वारा विगत दिनों काशीपुर पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के समक्ष न केवल मजबूती से रखा, बल्कि सीएम श्री धामी से इस पर हरि झंडी लेकर काशीपुर की जनता को बड़ी सौगात दे डाली है। स्पष्ट है कि उनके द्वारा जो चुनाव के दौरान जनता से वादे किए गए थे उसपर वह एक एक कर अमलीजामा पहनाते हुए जनता को समर्पित करते दिखाई दे रहें हैं।
रफी खान/ संपादक
काशीपुर। नगर निगम से जुड़ी लंबित समस्याओं को लेकर महापौर दीपक बाली ने शनिवार को प्रेस वार्ता कर बड़ी घोषणाएं कीं। उन्होंने कहा कि काशीपुर की जनता को संपत्ति संबंधी कार्यों में अब राहत मिलेगी।
महापौर ने बताया कि हाउस टैक्स की रसीद पर रजिस्ट्री बंद होने से जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। किसी को मकान बेचना था, तो किसी को बेटी की शादी या रोजगार के लिए संपत्ति का उपयोग करना था, लेकिन रजिस्ट्रियां ठप होने से सब काम रुक गए थे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से इस मुद्दे पर चर्चा के बाद जिलाधिकारी और एडीएम के स्तर पर समाधान निकाला गया है। अब मंगलवार से रजिस्ट्री कार्यालय खुलते ही रजिस्ट्रियां सुचारू रूप से शुरू हो जाएंगी।
इसके साथ ही महापौर ने बताया कि दाखिल-खारिज का मामला भी लंबे समय से अटका हुआ था। नगर निगम बोर्ड ने पहले ही प्रस्ताव पारित कर शासन को भेज दिया था। उन्होंने कहा कि अब निगम ने दाखिल-खारिज का काम 0% शुल्क के साथ शुरू कर दिया है। केवल ₹1000 फाइल चार्ज और एक एफिडेविट के आधार पर दाखिल-खारिज कराया जा सकता है। कई लोग अपने काम शुरू भी करा चुके हैं।
महापौर ने अनाधिकृत कॉलोनियों के मुद्दे पर भी कहा कि यह जिले की एक बड़ी समस्या है। लगभग 1000 कॉलोनियां अनधिकृत रूप से बसी हुई हैं, जिनमें हजारों-लाखों लोग रह रहे हैं। इन कॉलोनियों की रजिस्ट्री व नक्शा पास न होने से लोग परेशान हैं। इस पर मुख्यमंत्री को वन टाइम सेटलमेंट योजना का प्रस्ताव भेजा गया है। इसमें उपभोक्ताओं को राहत देने के साथ-साथ कॉलोनी काटने वालों से भी एफिडेविट लिया जाएगा ताकि भविष्य में ऐसी गड़बड़ी न हो।
मास्टर प्लान को लेकर महापौर ने कहा कि इसे व्यवहारिक रूप देने के लिए पहले वाला ड्राफ्ट रोका गया था। अब नई योजना बनाई जा रही है, जिसमें पहले से बसी आबादी और पुरानी कॉलोनियों को उसी रूप में रखते हुए सुविधाएं उपलब्ध कराने पर जोर होगा। नया मास्टर प्लान अगले 3-4 महीने में आने की उम्मीद है।
महापौर ने भरोसा जताया कि इन फैसलों से काशीपुर की जनता को बड़ी राहत मिलेगी और शहर के विकास कार्य तेज गति से आगे बढ़ेंगे।