मदरसा एजुकेशन से संबंधित काशीपुर में एक कुमाऊं स्तरीय सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें जनपद उद्यम सिंह नगर,जनपद नैनीताल समेत अन्य स्थानों से मुफ्ती, कारी, हाफिजों समेत दिगर उलेमाओं ने शिरकत करते हुए मदरसा एजुकेशन बोर्ड अध्यक्ष की मौजूदगी में अपनी बात को वजीर ए आला (मुख्यमंत्री) पुष्कर सिंह धामी तक पहुंचाने का काम किया करते हुए सूबे के मुस्लिमों को प्रदेश की मुख्यधारा से जोड़ने की अपील की गई।
रिपोर्ट रफी खान/ काशीपुर
आपको बता दें आज जनपद उद्यम सिंह नगर के काशीपुर में एम डी एस पब्लिक स्कूल में कुमाऊं स्तरीय मदरसा एजुकेशन सम्मेलन का आयोजन किया गया

जिसमें उत्तराखंड मदरसा एजुकेशन बोर्ड के चेयरमैन मुफ्ती शमऊन कासमी ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करते हुए सम्मेलन में मौजूद कुमाऊं के अलग अलग इलाकों से पहुंचे मदरसों के संचालकों और प्रबंधकों को एजुकेशन से संबंधित जरूरी हिदायते बताते हुए कहां कि प्रदेश के मुखिया पुष्कर सिंह धामी किसी भी जाती धर्म के मुखालिफ नहीं बल्कि वह सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाए पर अमल दरामद के साथ सबको एक माला में पिरोते हुए विकास को गति प्रदान कर रहें हैं इस दौरान उन्होंने सम्मेलन के आयोजन कारी मुहम्मद हाशमी की प्रशंसा करते हुए कहा कि वह सूबे के तमाम मदारिस को लेकर हमेशा फिक्रमंद रहते हुए मदरसा प्रबंधकों के मसाइल को उठाते रहे हैं।

वही इस दौरान सम्मेलन में काशीपुर समेत जनपद उद्यम सिंह नगर और नैनीताल समेत कुमाऊं के इलाको से पहुंचे मदरसा संचालकों और मुस्लिम रहनुमाओं को संबोधित करते हुए सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे उत्तराखंड हज कमेटी और मदरसा बोर्ड के पूर्व चेयरमैन मौलाना जाहिद रजा रिजवी ने कहा कि तमाम मदरसों ने जंग ए आज़ादी से लेकर आजतक देश पर मरने मिटने वाले पैदा किए है,हमारे रसूल का फरमान है वतन से मोहब्बत ईमान की निशानी है यानी कि वतन से मोहब्बत और वफादारी का संदेश लेकर हर एक मुसलमान भारत में पैदा होता है और शुरू से लेकर आजतक हिंदुस्तान के मदारिसो ही नहीं बल्कि दुनियाभर के तलवाओ को यह पाठ पढ़ा के खिदमत के लिए उतारा जाता है कि हर एक के साथ मुंसिफाना अंदाज में पेश आया जाए न कि जाती धर्म देख कर, उन्होंने कहा सभी ने आज इस सम्मेलन के माध्यम से यह उम्मीद जताई है कि सूबे के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से प्रदेश के मुस्लिमों के साथ न्याय करेंगे। तमाम मुस्लिम कोम प्रदेश सरकार और भारत सरकार के साथ हमेशा खड़ी है। लेकिन समानता के अधिकार के साथ हमे रखा जाए, अलग थलग कर न देखा जाए।
वही सम्मेलन के उपरांत कार्यक्रम के मुख्य अतिथि और उत्तराखंड मदरसा एजुकेशन बोर्ड के अध्यक्ष शमऊन कासमी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हमारे प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सबको साफ स्वस्छ शिक्षा प्रणाली देने के वादे पर काम करते हुए आगे लाना चाहते है और उनका मानना है कि मदरसों से सिर्फ मौलवी, आलिम और हाफिज ही न निकले बल्कि डॉक्टर इंजीनियर और अफसर भी बनाए जाए।
दूसरी और सम्मेलन की निजामत कर रहे कारी मुहम्मद हाशमी ने कहां कि मदरसा संचालकों और प्रबंधकों में प्रदेश सरकार द्वारा मदरसों के विरुद्ध कार्यवाही से गम और गुस्सा देखा गया है जिस को लेकर हमने सरकार और जनता के बीच जो कमियां थी उसके लिए इस जलसे को सजाया गया है और मदरसों के मौजूदा हालात के मुत्तालिक आज हमने मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष की मौजूदगी में सूबे के मुख्यमंत्री जनाब पुष्कर सिंह धामी तक यह बात पहुंचाई है कि मुस्लिम कोम को अलग थलग न कर मुख्यधारा से जोड़ने का काम किया जाए क्योंकि मुसलमानों ने इस देश के लिए हमेशा अपनी कुर्बानी दी है। उक्त सम्मेलन को मौलाना इरफानूल हक खटीमा,मुफ्ती ग़ुलाम मुस्तफा नईमी रामनगर,मुफ्ती शमीम जसपुर,निजाम अख्तर किलाखेड़ा, मुफ्ती इंसाफ रामनगर,बीजेपी माइनॉरिटी के प्रदेश अध्यक्ष इंतजार हुसैन, बीजेपी के वरिष्ठ नेता डॉक्टर युनुस चौधरी आदि ने भी उपस्थित जनसमूह को खिताब किया ।